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वरध तकत. Aldivan Teixeira TorresЧитать онлайн книгу.

वरध तकत - Aldivan Teixeira Torres


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पर भरोसा नहीं करते थे। यह बहुत ही दुखदायी था। एक दिन वह देखेंगे कि सपने पूरे हो सकते हैं। उस दिन, यह सब पूरा करने के बाद मैं अपने जीत की ख़ुशी मनाऊँगा औए बनाने वाले का गुणगान करूंगा। उसने मुझे सब दिया और बस यही चाहा की मैं अपने तोहफों को दूसरों के संग बाटूँ, क्योंकि बाइबिल कहती है, चिमनी जलाने के बाद उसे मेज के नीचे मत रखो इसके बजाए उसे ऊपर रखो क्यूंकि सभी के लिए इसे सराहना और प्रबुद्ध होना चाहिए। रास्ता खत्म होता है और मैं देखता हूँ उस झोंपडी को मैंने जिसे इतनी मेहनत से बनाया है। मुझे सोने जाना है क्योंकि कल दूसरा दिन है और मेरे पास अपने और दुनिया के लिये योजनाएं है। शुभरात्रि, पाठको। अगले अध्याय तक…..........

      नए दिन की शुरुआत हुई। रोशनी हुई, सुबह की ठंडी हवाओं ने मेरे बालों को सहलाया, चिड़ियां और कीड़े खुशियां मना रहे है, ऐसा लग रहा है वनस्पति फिर से जीवित हो गए हैं। ऐसा हर दिन होता है। मैंने आँखे साफ़ की, मुंह धोया, दाँतों को साफ़ किया और नहाया। ब्रेकफास्ट के पहले यह मेरा नियमित कार्यक्रम था। जंगल आपको फायदा या विकल्प नहीं देते। मैं इसका आदी नही हूँ। मेरी माँ ने मुझे बचपन से ही कॉफ़ी देकर बिगाड़ दिया है। मैं अपना नाश्ता शांति के साथ करता हूँ लेकिन मेरे दिमाग में कुछ चल रहा है। तीसरी और आखिरी चुनौती क्या होगी? गुफा में मेरे साथ क्या होगा? बिना उत्तर वाले इतने सवाल थे जो मुझे पागल किये जा रहे थे। सुबह आगे बढ़ी और साथ ही मेरी धड़कन, सांसे और डर भी। मैं अब कौन था? निश्चित ही वह नहीं था जो पहले था, मैं एक पवित्र पहाड़ में अपनी किस्मत को ढूंढते हुए चढ़ गया जिसके बारे में मैं भी नहीं जानता था। मैंने संरक्षक को ढूंढा और उन मूल्यों के बारे में सीखा जो मेरी कल्पना से भी बड़ी दुनिया के बारे में थे जिसके बारे मे मैंने सोचा तक नहीं था कि यह अस्तित्व में भी होगा। मैनें दो चुनैतियां जीत लीं अब


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